
मुंबई: इस शुक्रवार रिलीज़ हुई है 'राजा नटवरलाल', जिसका निर्देशन किया है कुणाल देशमुख ने, और इमरान हाशमी, पाकिस्तानी एक्ट्रेस हुमैमा मलिक, परेश रावल, केके मेनन, दीपक तिजोरी और सुमित निझावन ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं...
'राजा नटवरलाल' में इमरान हाशमी एक ठग बने हैं, जिसका नाम है राजा और वह अपने दोस्त राघव, यानि दीपक तिजोरी के साथ मिलकर छोटी-मोटी ठगी करता है... राजा की ज़िन्दगी में है जिया, जिससे उन्हें इश्क है, और वह बार डांसर है...
लेकिन राजा को लगता है कि छोटी-मोटी ठगी से ज़िन्दगी नहीं सुधरने वाली, इसलिए वह राघव के साथ मिलकर 80 लाख रुपये की चोरी करता है... यही चोरी इन्हें भारी पड़ जाती है, क्योंकि वह रकम अंडरवर्ल्ड किंग वर्धा यादव की है, जो केपटाउन से अपना धंधा चलाता है... बस, इससे आगे की कहानी आपको नहीं बता सकता, और अगर आपको पूरी कहानी जाननी है, तो टिकट खरीदकर फिल्म देखनी पड़ेगी... लेकिन मैं आपको बताऊंगा, फिल्म की खूबियां और खामियां...
सबसे पहले बात खामियों की... फिल्म के गाने आपको ज़्यादा नहीं लुभा पाएंगे, और वैसे भी इन्होंने फिल्म की रफ्तार को धीमा कर दिया है... हालांकि डायरेक्टर कुणाल देशमुख ने कोशिश की है कि गानों के बीच में भी फिल्म की कहानी आगे बढ़ती रहे, लेकिन वह इस कोशिश में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाए... स्क्रिप्ट में फिल्म की सारी ठगी की घटनाएं फिल्मकार ने अपनी सहूलियत के हिसाब से बुनी हैं... फिल्म में कुछ डायलॉग अच्छे हैं, लेकिन अदायगी के वक्त असरदार नहीं लगते... कुणाल और इमरान की टीम ने एक बार फिर क्रिकेट को हथियार बनाया है, और शायद इसीलिए फिल्म देखते वक्त फिल्म 'जन्नत' की याद आई, जो मेरे मुताबिक 'राजा नटवरलाल' के लिए अच्छा नहीं...
Source: khabar.ndtv.com